प्रस्तावना
‘न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते’ को दृ-िुनवजयटगत रखते हुये‘अर्था न सन्ति न च मुञ्चति मां दुराशा’ की पुण्य पीड़ा एवंप्रभु को द-रु39याकों से अन्तस्तल में संजोये कल्पना जगत मेुं कल्पनारत ‘कालेफलन्ति पुरू-ुनवजयास्य यथैव वृक्षा’ पर अटूट विश्वास रखते हुये ‘मामनुस्मर युद्ध च’ भगवान श्रीकृ-ुनवजयण की वाणी को स्मरण कर कर्तव्य पुण्य लक्ष्य की ओर मौन तपस्वी की भांति निरन्तर चिन्तन, मनन के फलस्वरूप प्रिय डा0 गोपाल -रु39याुक्ल संस्थापकाध्यक्ष श्री बालाजी शैक्षिक संस्थान उपाध्यायपुर, अठेहा प्रतापग-सजय़ की स्तुत्य सत्प्रेरणा से ‘ उत्तिष्ठत् जाग्रत्प्राप्त वरान्निबोधत्’ का अनुषरण कर शिक्षा के क्षेत्र में
अतिपिछड़े ग्राम्यांचल में ज्ञान से वंचित तिमिराधंकार में डूबे अपने आदि पूर्वज पूज्य इच्छा बाबा की पुण्य कर्मभूमि पूरे इच्छा में परमपूज्य गुरूदेव भगवान जगद्गुरू श्री स्वामी कृष्णाचार्य जी महराज उत्तराखण्ड पीठाधीश्वर ऋषिकेष के आशीर्वाद तथा उनके नाम की नौका पर निष्चिन्त आरू-सजय़़ हो पं0 बद्री प्रसाद रामपती मिश्र शैक्षिक संस्थान की प्रथम संस्था जगद्गुरू स्वामी कृष्णाचार्य महाविद्यालय की आधारशिला परमपूज्य श्री स्वामी कृष्णाचार्य जी महराज के पुनीत कर कमलों द्वारा दिनांक 22 फरवरी 2013 माघ शुक्ल पक्ष द्वादषी तदोपरि त्रयोदषी संवत् विष्वावसु 2061 दिन शुक्रवार महाकुम्भ तीर्थराज प्रयाग की
अवधि में प्रस्थापित हुई।‘श्रेयांष बहु विघ्नानि’ के अनुसार तमाम विघ्न बाधायें आयीं, किन्तु वे कभी कर्तव्य पथ से किंचित भी विचलितनही कर सकीं, क्योंकि ‘मेलि कंठ सुमन की माला। पुनि पठवा बल देई विषाला।।’ पूज्य गुरूजी केआशीर्वाद से
विघ्न बाधायें तिरोहित हो जाती और नयी ऊर्जा का संचार हो जाता।संस्थान का प्रथम पु-िुनवजयपत पु-ुनवजयप निस्पृह भावेन समाज को समर्पित कर आत्मा गद्गद है।
वन्दे कृष्णं जगद्गुरुम
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Dr G.D. Mishra
Founder
Dr Mamta Mishra
Co-Founder